ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों के एन्हासमेंट मसले को जल्द सुलझाया जाए-मनीष बंसल

ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों के एन्हासमेंट मसले को जल्द सुलझाया जाए-मनीष बंसल

Enhancement Issue of Group Housing Societies

Enhancement Issue of Group Housing Societies

एचएसवीपी सही कैलकुलेशन करके एसोसिएशन से सहमति बनाए और मिलान करें

पंचकूला 29 जुलाई। Enhancement Issue of Group Housing Societies: हरियाणा के पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल एवं कांग्रेस नेता मनीष बंसल ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा एन्हासमेंट के मसले को ना सुलझाने पर रोष व्यक्त किया है। मनीष बंसल ने कहा कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों ने सेक्टर 20 पंचकूला में जमीन के लिए आवेदन किया  था। एचएसवीपी ने ग्रुप हाउसिंग स्कीम, 1990 में उल्लेख किया था कि जमीन "नो प्रॉफिट नो लॉस बेसिस" पर आवंटित की जाएगी और सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। योजना में यह भी उल्लेख किया गया था कि यदि सोसायटी 3 साल और 4 साल के भीतर निर्माण पूरा कर लेती है, तो एचएसवीपी जमीन की कीमत पर 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की छूट देगा, लेकिन बार-बार एन्हासमेंट के नोटिस थमाए जा रहे हैं। मनीष बंसल ने बताया कि यह मामला लगभग 25 वर्ष से अधिक पुराना चल रहा है।

इस लंबी अवधि के दौरान बड़ी संख्या में फ्लैट मालिकों का स्वर्गवास भी हो चुका हैं और उनके परिवार भी बहुत कठिनाई की स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं। अन्य फ्लैट मालिक भी सेवानिवृत्त होने के कारण बहुत कठिन वित्तीय परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं। सरकार ने भी माना था कि एन्हांसमेंट की गणना में विवाद और झोल है और इस तथ्य को मानते हुए 22 अगस्त 2019 को इस विषय पर नोटिफिकेशन जारी की थी कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण सही कैलकुलेशन करके एसोसिएशन से सहमति बनाए और मिलान करे, लेकिन एचएसवीपी विभाग ने पिछले 5 साल बीत जाने के बाद भी सरकार के फैसले की कोई परवाह न करते हुए आज तक एसोसिएशन से कैलकुलेशन करके ना तो सहमति बनाई और न ही उक्त पैरा में दर्ज नियमों, कोर्ट के आदेश अनुसार कैलकुलेशन विवरण किसी भी सोसाइटी को आज तक भेजा है। 

एचएसवीपी द्वारा प्लाट आवंटियों से ब्याज वसूलना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है तथा इसे समाप्त किया जाना चाहिए। एचएसवीपी द्वारा आवंटियों से सड़क, पार्क आदि का एन्हांसमेंट लेना एक्ट के नियमों और न्यायालय के आदेश के विपरीत है, इसलिए इस राशि को भी गणना से बाहर किया जाना चाहिए। भूखण्ड अलाटी उपरोक्त शर्तों के अधीन और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार आवंटित भूखण्ड की वृद्धि राशि देने को पूरी तरह तैयार हैं।